You are currently viewing पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के पास आटा दाल खरीदने के पैसे नहीं बचे।

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के पास आटा दाल खरीदने के पैसे नहीं बचे।

भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के लिए बहुत ही बुरी खबर सामने आई है, Pakistan के विदेशी मुद्रा भंडार में बस इतने डालर बचे हैं जिनसे वह सिर्फ तीन हफ़्तो के आयात का बिल चुका सकता है।

पाकिस्तान

विस्तार –

वैसे तो भारत का पड़ोसी मुल्क के राजनेता और मीडिया अपने देश के लिए बड़ी बड़ी बातें करते हैं और भारत जैसे शक्तिशाली देश पर एटोमी जंग छेड़ने की ताल ठोकते हैं। मगर सच्चाई यही है की  खुद भूखा, नंगा और भीखमंगा देश है, इस बात की पुष्टि मैं नही खुद पाकिस्तान के वजीरे आला नवाज शरीफ ने एक अफसरों के मीटिंग में कही। पड़ोसी मुल्क में महंगाई अपने चरम सीमा पर है, वह पर आटा चावल तेल टमाटर आदि के दाम आँसमा छु रहे हैं और पाकिस्तान की मौजुदा सरकार इसे रोकने में पूरी तरह से नाकाम रही है।

पड़ोसी मुल्क के मौजूदा हाल और भी बदहाल होने वाले हैं क्युंकि स्टेट बैंक ऑफ Pakistan एक ताज आंकड़ो के मुताबिक अब देश के विदेशी मुद्रा भंडार में सिर्फ 3.68 मिलियन डॉलर बचे हैं, जिनसे सिर्फ तीन हफ़्तो के आयात का बिल चुकाया जा सकता है। जिस प्रकार Pakistan के विदेशी मुद्रा भंडार मे गिरावट हो रही है, पाकिस्तान के डिफाल्टर होने की आशंका बढ़ती जा रही है। पिछले हफ्ते के मुकाबले इस हफ्ते डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपए में भारी गिरावट देखी गई है।

पाकिस्तान

और भी पढ़ें.. सलमान खान ने खायी कसम जूही के साथ कभी नहीं करूंगा काम

विशेषज्ञों के राय माने तो पाकिस्तानी रुपये की कीमत को पाकिस्तानी सरकार ने कृत्रिम ढंग से संभाल रखा था। मुद्रा विनिमय बाजार में उसके हस्तक्षेप करने की क्षमता चूक जाने के बाद पाकिस्तानी रुपया धड़ाम से गिरने लगा।

पड़ोसी मुल्क के इस आर्थिक लाचारी को देखते हुए Pakistan के आर्थिक विशेषज्ञों ने पाकिस्तानी सरकार से बहुत ही तीखे सवाल पूछे। आर्थिक विशेषज्ञों की एक बैठक के दौरान एक अखबार के संपादक ने सवाल उठाया कि ” कुछ ही महीनों के अंदर विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो जाने के लिए कौन जिम्मेदार है? सरकार को यह जवाबदेही तय करनी होगी।’’ उन्होंने ध्यान दिलाया कि जब पिछले अप्रैल में Pakistan की विदेशी मुद्रा भंडार में 11 बिलियन ड़लर थे।

और भी पढ़ें.. शाहरुख खान पर टूटा मुसीबतों का पहाड़ फिर लगा चोरी का आरोप ।

पाकिस्तान

अगस्त तक यह रकम घट कर 7.8 बिलियन डॉलर हो गई और अब चार बिलियन डॉलर से भी नीचे आ गई है। उसी दौरान एक और अखबार के संपादक ने हालात में तेजी से गिरावट के लिए Pakistan के वित्त मंत्री को जिम्मेदार ठहराया, उन्होंने कहा की डालर की तुलना में उनके पूर्व वित्त मंत्री कई गुना बेहतर थे, लेकिन वे ‘शरीफ आवास’ का हिस्सा नहीं थे, इसलिए उन्हें हटा दिया गया। संपादक ने पड़ोसी मुल्क की इस दुर्दशा के लिए वर्तमान मौजूद सरकार को पूरी तरह दोषी ठहराया।

Leave a Reply