सुपरस्टार शाहरुख खान की फिल्म पठान के विरोध के पीछे प्रधानमंत्री मोदी को ही मुख्य वजह माना जा सकता है। क्योंकि भारत में धार्मिक कट्टरता बढ़ने से पी एम मोदी की छवि अभी तक मुसलमानो के जहन में साफ नही हो पाई है ।
शाहरुख खान का नरेंद्र मोदी की पार्टी बीजेपी से संबंध भी पठान फिल्म की मुसीबतों को एक वजह है। पीएम मोदी के आठ वर्षीय कार्यकाल में उन्होंने अल्पसंख्यकों के हित में ( मुसलमान) अनेकों कदम उठाए परंतु पीएम मोदी की छवि से गुजरात दंगो का दाग इतने वर्षों में अभी भी साफ नही हुआ है तथा उन्हें आज भी मुसलमान विरोधी माना जाता है।पठान फिल्म का टीजर आने के बाद से ही पठान फिल्म के विरोध की शुरुआत हो गई थी और पठान फिल्म के गाने बेशरम रंग ने इस बॉयकॉट ट्रेंड ने आग में घी डालने का कार्य किया ।
शाहरुख खान की पठान फिल्म के इस गाने को लोगों ने हिंदुत्व से जोड़ कर देखा जहा गाने में बेशरम रंग शब्द को भगवा रंग से जोड़ा गया और फिल्म को बैन करने की मांग सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर जोरों से हुई ।लेकिन ये पठान फिल्म को बॉयकॉट और बैन करने का कारवां फिल्म के बंपर ओपनिंग पर रुका और पठान की शुरुआती कमाई लोगों की उम्मीदों से अच्छी हुई तथा बॉयकॉट ट्रेंड करा रहे लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया ।
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विरोध का एक मुख्य कारण
पठान फिल्म के विरोध का मुख्य कारण शाहरुख खान के साथ पठान फिल्म में काम कर रही अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के द्वारा पहने गए वस्त्रों के रंग का भगवा होने को बताया गया, जिसमें हिंदुत्व के प्रतीक भगवे रंग को फिल्म के गाने में बेशरम रंग कहकर संबोधित किया गया ।
सबसे मुख्य वजह पठान फिल्म के मुख्य अभिनेता शाहरुख खान जिन्होंने वर्ष 2015 में असहिष्णुता पर विवादित बयान दिया था जिस कारण उनकी अनेक फिल्में बॉक्स ऑफिस पर ढेर हो गई और किंग खान को भी अपने करियर के सबसे बुरे दौर का सामना करना पड़ा और उन्होंने देश के बड़े मामलों में भी कभी भी पूर्ण रूप से समर्थित बयान नही दिया और हमेशा विवादों में घिरे रहें।
तो मोदी समर्थकों का पठान फिल्म का विरोध करना जायज था।
पूरे वर्ष बॉलीवुड के साथ-साथ आमिर खान, सैफ अली खान, सलमान खान जैसे बड़े मुस्लिम सुपरस्टार का विरोध होता रहा है एक वर्ग का यह भी मानना है कि पठान फिल्म के बाद काट होने की एक मुख्य वजह फिल्म के मुख्य अभिनेता का मुसलमान होना है
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क्या करना चाहिए?
शाहरुख खान की फिल्म पठान के बारे में कोई राय बनाने से पहले यह विचार करना आवश्यक है की हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं एक वर्ग किसी चीज का समर्थन करता है तो दूसरा वर्ग उसी चीज का विरोध करता है फिल्म पठान की हालत भी कुछ ऐसी ही है।
समाज का एक बड़ा वर्ग इसका विरोध कर रहा है तो एक वर्ग इसका समर्थन भी कर रहा है अब यह आपके वैचारिक दृष्टिकोण पर निर्भर करता है कि आप किस वर्ग के पक्ष में है यदि आपको मात्र मनोरंजन चाहिए तो आपको पठान फिल्म देखनी चाहिए परंतु यदि आप समाज एवं राष्ट्र से जुड़े हुए व्यक्ति हैं तो आपको अवश्य विचार करना चाहिए एवं अपना मत रखना चाहिए।