अमेरिका की शॉर्ट-सेलिंग फर्म Hindenburg Research ने अडानी ग्रुप पर देश के धोखाधड़ी का आरोप लगाया है जिसके बाद रविवार को अडानी ग्रुप ने भी 413 पन्नो में अपना जवाब भेजा। तथा इसके पश्चात Hindenburg Research ने भी जवाब अपने जवाब में कहा कि अडानी ग्रुप मुद्दों से ध्यान भटका रहा है।
नई दिल्ली:
अमेरिका की शॉर्ट-सेलिंग फर्म Hindenburg Research की रिपोर्ट के अनुसार अडानी ग्रुप दशकों से शेयरों में घोटाला कर रहा है । जिसके बाद अडानी समूह के शेयरों में तेजी से गिरावट होती दिख रही है और अडानी ग्रुप को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा रहा।
Hindenburg Research की रिपोर्ट के प्रतिउत्तर में अडानी ग्रुप ने 413 पेज का विस्तृत जवाब भेजा । इसके बाद अमेरिकी कम्पनी ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि “राष्ट्रवाद को चोला ओढ़कर धोखाधड़ी से नही बचा जा सकता है ।अडानी समूह आरोपों का जवाब देने के बजाय राष्ट्रवाद की आड़ में लोगों का ध्यान भटका रही है ।
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Hindenburg Research ने कहा, ‘हम मानते हैं कि भारत एक वाइब्रेंट डेमोक्रेसी है और एक सुपरपावर के तौर पर उबर रहा है। हम साथ ही यह भी मानते हैं कि अडानी समूह भारत के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। यह ग्रुप राष्ट्रवाद की आड़ में देश को लूट रहा है।’ अमेरिकी फर्म ने कहा कि उन्होंने अडानी समूह से 88 सवाल पूछे थे जिसमें से उन्होंने 62 सवालों के जवाब नहीं दिए। इनमें से कई सवाल अकाउंट की लेन देन की प्रवृत्ति और हितों के टकराव के बारे में पूछे गए थे। लेकिन अडानी समूह ने इनमे से किसी भी प्रश्न का जवाब नही दिया ।
आरोपों पर अडानी की प्रतिकिया
गत रविवार अडानी समूह ने अपने आरोपों के संदर्भ में बयान जारी किया तथा अमेरिकी कम्पनी हिंडनबर्ग के आरोपों पर भी 413 पन्नों का संक्षेप में जवाब दिया । अडानी समूह का कहना है कि हिंडनबर्ग का आरोप भारत पर हमला है। तथा अडानी ग्रुप ने इन सभी आरोपों को सिरे खारिज कर दिया और इसे अडानी ग्रुप की छवि को धूमिल करने का एक षडयंत्र का हिस्सा बताया।
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अडानी समूह ने अपने जवाब में कहा कि वह 24 जनवरी को ‘मैडऑफ्स ऑफ मैनहट्टन’ हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को पढ़कर हैरान और काफी परेशान है।हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सच है या झूठ परंतु इसके कारण अडानी समूह को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है तथा शेयरों में अकल्पनीय गिरावट देखी जा रही है।